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PM Modi US Visit | मोदी-मोदी के नारों से गूंजा कैपिटल हिल; PM बोले- जल्द तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा भारत, आतंकवाद और कट्टरता दुनिया के लिए बड़ा खतरा

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Narendra Modi In US Congress, Capital Hill

वाशिंगटन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने इसे 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया। पीएम अपने शानदार स्वागत के लिए भारतीयों की तरफ से अमेरिकी नेताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा। साथ ही उन्होंने आतंकवाद और कट्टरता को दुनिया के लिए खतरा बताया है। इसके अलावा उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात की।

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी के सदन में पहुंचते ही सदन के सभी अमेरिकी सांसदों ने खड़े होकर ताली बजाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान नेताओं ने मोदी-मोदी के नारे भी लगाए। अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में मोदी के संबोधन पर  79 बार तालियां बजाई गईं और 15 बार खड़े होकर तालियां बजाई गईं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना एक बड़ा सम्मान है। इस सम्मान के लिए मैं भारत की 1.4 अरब जनता के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। मैं देख रहा हूं कि आप में से लगभग आधे लोग 2016 में यहां थे। मैं दूसरे आधे हिस्से में पुराने दोस्तों और नए दोस्तों का उत्साह भी देख सकता हूं।”

उन्होंने कहा, “मैं धैर्य, अनुनय और नीति की लड़ाई से संबंधित हो सकता हूं। मैं विचारों और विचारधारा की बहस को समझ सकता हूं। लेकिन मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आप दो महान लोकतंत्रों – भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए हैं।”

पीएम मोदी ने कहा, “लोकतंत्र हमारे पवित्र और साझा मूल्यों में से एक है। पूरे इतिहास में एक बात स्पष्ट रही है कि लोकतंत्र वह भावना है जो समानता और सम्मान का समर्थन करती है। लोकतंत्र वह विचार है जो बहस और चर्चा का स्वागत करता है। लोकतंत्र वह संस्कृति है जो विचार और अभिव्यक्ति को पंख देती है। भारत को प्राचीन काल से ही ऐसे मूल्यों का सौभाग्य प्राप्त है। लोकतांत्रिक भावना के विकास में भारत लोकतंत्र की जननी है।”

उन्होंने कहा, “पिछले साल भारत ने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं। हर मील का पत्थर महत्वपूर्ण है लेकिन यह विशेष है। हमने किसी न किसी रूप में हजारों वर्षों के विदेशी शासन के बाद अपनी 75 वर्षों की स्वतंत्रता की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाया। यह सिर्फ लोकतंत्र का ही नहीं बल्कि विविधता का भी उत्सव था।”

पीएम मोदी ने कहा, “अमेरिका की स्थापना एक समान दृष्टिकोण वाले लोगों से प्रेरित थी। अपने पूरे इतिहास में, आप दुनिया भर के लोगों को गले लगाते हैं और आपने उन्हें अमेरिकी सपने में समान भागीदार बनाया है। यहां लाखों लोग हैं जिनकी जड़ें भारत में हैं, उनमें से कुछ इस कक्ष में गर्व से बैठे हैं और एक मेरे पीछे है।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “हम दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा हैं। पिछली शताब्दी में जब भारत ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की तो इसने कई अन्य देशों को औपनिवेशिक शासन से खुद को मुक्त करने के लिए प्रेरित किया। इस सदी में जब भारत बेंचमार्क स्थापित करेगा और विकास करेगा तो यह कई अन्य देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा। हमारा विजन है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास।”

प्रधानमंत्री ने अपने नौ वर्षों के कार्यकाल का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “आज डिजिटल परफोरेंस गोपनीयता की रक्षा करते हुए लोगों के अधिकारों और सम्मान को सशक्त बना रही है। पिछले नौ वर्षों में एक अरब लोगों को उनके बैंक खातों और मोबाइल फोन से जुड़ी एक अद्वितीय डिजिटल बायोमेट्रिक पहचान मिली है। यह डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा हमें वित्तीय सहायता के साथ सेकंड के भीतर नागरिकों तक पहुंचने में मदद कर रहा है। 850 मिलियन लोगों को उनके खातों में सीधा वित्तीय हस्तांतरण प्राप्त होता है। वर्ष में तीन बार एक बटन के क्लिक पर 100 मिलियन से अधिक किसानों को उनके बैंक खातों में सहायता प्राप्त हुई। ऐसे हस्तांतरण का मूल्य 320 बिलियन डॉलर से अधिक रहा है।”

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भारतीय लोकतंत्र का जिक्र करते हुए कहा, “लोकतंत्र वह विचार है जो बहस और चर्चा का स्वागत करता है। लोकतंत्र एक संस्कृति है जो विचार और अभिव्यक्ति को पंख देती है। भारत को लोकतांत्रिक भावना के विकास में अनादि काल से ऐसे मूल्यों का सौभाग्य प्राप्त है। भारत लोकतंत्र की जननी है…अब अमेरिका सबसे पुराना और भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हमारी साझेदारी लोकतंत्र के भविष्य के लिए शुभ संकेत है।” उन्होंने कहा, “हमारे पास 2,500 से अधिक राजनीतिक दल हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में लगभग 20 अलग-अलग पार्टियाँ शासन करती हैं। हमारी 22 आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हैं, फिर भी हम एक स्वर में बोलते हैं।”

उन्होंने कहा, “भारत में विविधता जीवन जीने का एक स्वाभाविक तरीका है। आज दुनिया, भारत के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहती है। मैं इस सदन में भी वह जिज्ञासा देख सकता हूं। पिछले दशक में भारत में अमेरिकी कांग्रेस के 100 से अधिक सदस्यों का स्वागत करके हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं। भारत के विकास, लोकतंत्र और विविधता को हर कोई समझना चाहता है। हर कोई जानना चाहता है कि भारत क्या कर रहा है और कैसे कर रहा है?”

उन्होंने कहा, “विमान का एक ऑर्डर अमेरिका के 44 राज्यों में दस लाख से अधिक रोजगार पैदा करता है। जब कोई अमेरिकी फोन निर्माता भारत में निवेश करते हैं तो यह दोनों देशों में रोजगार और अवसरों का एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है। जब भारत और अमेरिका अर्धचालकों और महत्वपूर्ण खनिजों पर एक साथ काम करते हैं तो इससे दुनिया को आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक विविध और विश्वसनीय बनाने में मदद मिलती है। एक सदी तक हम रक्षा सहयोग से हम दूर रहे, अब संयुक्त राज्य अमेरिका हमारा सबसे महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार बन गया है।”

मोदी ने कहा, हम राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना चला रहे हैं। भारत में 50 करोड़ लोगों के फ्री स्वास्थ्य योजना है। जनधन योजना में 50 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचा है। भारत में 200 करोड़ वैक्सीन बनाई गईं। आज के भारत में महिलाओं की स्थिति बेहतर हुई है। महिलाएं बेहतर भविष्य का नेतृत्व कर रही हैं। आदिवासी समाज से भारत में राष्ट्रपति हैं। 15 लाख महिलाओं को अलग-अलग स्तर पर नेतृत्व करते देखा जा रहा है। देश की सेनाओं में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। उन्होंने कहा, सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत में हैं।  भारत में 15 महिलाएं चुनी हुईं प्रतिनिधि हैं। पिछले 9 साल में एक अरब लोगों को तकनीक से जोड़ा गया है। 10 करोड़ किसानों के खातों में पैसा पहुंचाया जा रहा है। 85 करोड़ लोगों को डीबीटी से पैसा मिल रहा है। हम धरती को मां समझते हैं। भारत में सस्ता इंटरनेट भी बड़ी क्रांति है। तकनीक से समाज आपस में जुड़ रहा है। इंटरनेट का फायदा हर भारतीय को मिल रहा है। भारत में हर कोई मोबाइल से लेन-देन कर रहा है। हम वसुधैव कुटुंबकम पर भरोसा करते हैं। भारत ने 115 देशों को कोरोना वैक्सीन पहुंचाई। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने काफी प्रगति की है।

पीएम मोदी ने आगे अपने संबोधन में कहा, “हमारा दृष्टिकोण ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ है…हम बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमने 150 मिलियन से अधिक लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए लगभग 40 मिलियन घर दिए हैं, जो ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या का लगभग 6 गुना है। हम एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम चलाते हैं जो लगभग 500 मिलियन लोगों के लिए निःशुल्क चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करता है।”

पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, “यूक्रेन युद्ध से इलाके में बड़ी पीड़ा देखने को मिली है। यूक्रेन युद्ध से यूरोप की ओर युद्ध वापस लौटा है। ग्लोबल साउथ के देश खासकर प्रभावित हुए हैं। युद्ध से लोगों को पीड़ा पहुंचती है। ये वक्त युद्ध का नहीं है। बातचीत से समाधान निकाला जाना चाहिए।”

आतंकवाद को लेकर मोदी ने कहा, “9/11  हमले और मुंबई में 26/11 हमले के एक दशक से अधिक समय के बाद भी अभी तक कट्टरवाद और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर ख़तरा बना हुआ है। ये विचारधाराएं नई पहचान और नया रूप लेती रहती हैं लेकिन इनके इरादे वही हैं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता। हमें आतंक को प्रायोजित और निर्यात करने वाली ऐसी सभी ताकतों पर काबू पाना होगा।”

उन्होंने कहा, “हम अलग-अलग परिस्थितियों और इतिहास से आते हैं लेकिन हम एक समान दृष्टिकोण और एक समान नियति से एकजुट हैं। जब हमारी साझेदारी आगे बढ़ती है तो आर्थिक लचीलापन बढ़ता है, नवाचार बढ़ता है, विज्ञान फलता-फूलता है, ज्ञान बढ़ता है, मानवता को लाभ होता है, हमारे समुद्र और आकाश सुरक्षित होते हैं, लोकतंत्र उज्जवल होगा और दुनिया बेहतर स्थान होगी। यही हमारी साझेदारी का मिशन है जो इस सदी के लिए हमारा आह्वान है।”

पीएम मोदी ने सदन में अंत में एक कविता भी सुनाई

आसमान में सिर उठाकर घने बादलों को चीरकर,

रोशनी का संकल्प लें, अभी तो सूर्य उगा है।

दृढ़ निश्चय के साथ चलकर, हर मुश्किल को पार कर

घोर अंधेरे को मिटाने, अभी तो सूर्य उगा है।



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