प्रवेश ने लुटाया निशक्त जनों पर प्यार।
बच्चे हुए भावुक किये मन की आंखों से दर्शन
देवास। श्री प्रवेश का सेवारत नियत में सोपान तय कर रहा है और प्रवेश की नर्मदे युवा सेना भी अश्वमेध यज्ञ के अश्व की गति से दौड़ रही है सेवा ही संकल्प कि इस आहुति में इस बार महाकाल लोक का नजारा हर बार से बहुत अलग दिखाई दिया।
इसका कारण भी आम लोगों के दिल को छू गया इस बार वृद्धजनों के साथ प्रवेश निशक्त और दिव्यांग बच्चों को भी वीआईपी दर्शन के लिए अपने साथ ले गए जहां दृष्टिबाधित बच्चों को प्रवेश में स्वयं विस्तार से समझाया हर पड़ाव पर बच्चों को समझाया कि उस वक्त वे लोग कहां खड़े हैं किस हाल में है जैसे ही प्रवेश ने समझाते हुए कहा की अब बच्चों आप लोग स्वयं महाकाल के समक्ष खड़े हैं, ऐसा सुनते ही बच्चों की आंखों में आंसू आ गए अनायास ही प्रवेश भी भावुक हो गए।
जैसे ही नंदी हॉल में इस बात का पता लगा तभी सभी लोग प्रवेश के आभामंडल में समा गए सभी लोग यही बोल रहे थे कि जो बच्चे खुद को समाज से उपेक्षित मानते थे उन्हें दर्शन कराने वाले व्यक्ति की जितनी तारीफ की जाए कम है।
ऐसा दृश्य देखकर लग रहा था मानो कालों के काल महाकाल स्वयं श्री प्रवेश का आशीर्वाद देने आ चुके हैं पूरा हॉल जय श्री महाकाल और हर हर नर्मदे के नारों से गूंज रहा था।
जिसके पश्चात प्रवेश ने सभी निःशक्त व दिव्यांग बच्चो एवं सभी श्रद्धालुओं के साथ स्वल्पाहार गृहण किया सभी ने प्रवेश को भर भर कर आशीर्वाद एवं स्नेह दिया एवं सभी ने देवास के लिए पुनः प्रस्थान किया।