Pune News | पुणे में फिर से डराने लगा डेंगू, जनवरी से जून के दौरान मिले इतने संदिग्ध मरीज
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पुणे: मानसून (Monsoon) के शुरू होते ही बारिश (Rain) में होने वाली बीमारियों का मामला बढ़ने लगा है। पुणे (Pune) में डेंगू के मरीजों (Dengue Patients ) की संख्या अचानक से बढ़ गई हैं। जून महीने में डेंगू के 54 संदिग्ध मरीज मिले है। मरीजों का आंकडा ज्यादा बड़ा नहीं है, उसके बावजूद यह मई महीने की तुलना में दोगुनी है।
इस संबंध में पुणे महानगरपालिका (PMC) के स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. भगवान पवार ने कहा है कि महानगरपालिका की सीमा में इस बार जनवरी से जून के दौरान डेंगू के 472 संदिग्ध मरीज मिले हैं। इसी अवधि में डेंगू के 21 मरीजों की पुष्टि हुई है। डेंगू के सभी मरीज जनवरी से मार्च के दौरान मिले है। अप्रैल से जून के दौरान एक भी मरीज नहीं मिले है। मई महीने में डेंगू के 27 संदिग्ध मरीज मिले थे। जून महीने में इसकी संख्या 54 पर पहुंच गई है। यह संख्या ज्यादा नहीं होने के कारण चिंता करने की वजह नहीं है। महानगरपालिका द्वारा डेंगू का प्रसार रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
मानसून में बढ़ जाते है डेंगू के मामले
बारिश में कई जगहों पर डिब्बों में पानी जमा हो जाते हैं। ऐसे डिब्बों में बड़ी संख्या में मच्छर पैदा होते है। इसलिए मानसून में मच्छरों से होने वाली बीमारियों की संख्या बढ़ जाती हैं। इसलिए घर के आसपास पानी जमा न हो इसका ध्यान रखें। इसके साथ ही मच्छर पैदा न हो इससे जुड़े उपायों का इस्तेमाल करे। बुखार, बदन दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाएं। यह सलाह स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी है।
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प्रत्येक उम्र वर्ग के लोगों को इससे खतरा
इस संबंध में खराडी के मणिपाल हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉ. विचार निगम ने बताया कि मच्छरों की वजह से होने वाली बीमारियों मानसून में हमेशा बढ़ जाती हैं। ऐसे में प्रत्येक उम्र वर्ग के लोगों को इससे खतरा रहता है। बुखार के बाद डेंगू और चिकुनगुनिया बीमारी के मरीज बड़ी संख्या में सामने आते हैं। बुखार, बदन दर्द इन बीमारियों के प्रमुख लक्षण है। ऐसे में ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
महानगरपालिका ने मच्छरों की उत्पति की वजह वाली जगहों का पता लगाने की मुहिम शुरू की है। आवासीय इमारत और कॉमशिर्यल संस्थाओं में मच्छरों को पैदा करने वाले जल जमाव दिखने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही हैं। इस बार जनवरी से जून के दौरान ऐसे 172 लोगों को नोटिस भेजा गया है। 90,100 रुपए का जुर्माना वसूला गया है।
– डॉ. भगवान पवार, स्वास्थ्य प्रमुख, पुणे महानगरपालिका
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