Darsh Amavasya 2023 | 17 जून को है ‘दर्श अमावस्या’, जानिए क्यों है यह अमावस्या बड़ी महत्वपूर्ण, इस दिन इन आराध्य देवी-देवताओं की करें पूजा
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सीमा कुमारी
नई दिल्ली: सनातन धर्म में ‘दर्श अमावस्या’ का विशेष महत्व है। इस वर्ष ‘दर्श अमावस्या’ (Darsh Amavasya 2023) 17 जून शनिवार को है। शास्त्रों में ‘दर्श अमावस्या’ को भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर सच्चे मन से चंद्र देव की उपासना करने से जीवन में आ रही समस्त समस्याएं दूर हो जाती है। साथ ही मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं और अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देते हैं। आइए जानें कब है ‘दर्श अमावस्या’ और कुछ विशेष उपाय।
तिथि
आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि प्रारम्भ- 17 जून, सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर
आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि समाप्त- 18 जून, सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर
दर्श अमास्या तिथि- 17 जून 2023, शनिवार
आषाढ़ अमावस्या तिथि- 18 जून 2023, रविवार
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ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में चंद्र कमजोर स्थिति में हैं, उन्हें दर्श अमावस्या के दिन व्रत रखकर चंद्र देव की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से साधक को लाभ प्राप्त होता है।
‘दर्श अमावस्या’ के दिन साधक मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है। साथ ही जो लोग योग्य साथी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें अच्छे प्रस्ताव प्राप्त होते हैं।
ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति ‘दर्श अमावस्या’ के दिन चंद्रमा के दर्शन करता है, उसके ज्ञान, धन औऱ सुख-समृद्धि में वृद्धि होती हैं। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान कर लें औऱ अपने पितरों को याद करते हुए गरीबों को सफेद वस्त्र का दान करें। इससे व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है और परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहता हैं।
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