नन्ही कलम विशेष

निशानेबाज़ | PM मोदी गए अमेरिका वहां जिंदगी का अलग तरीका

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PM मोदी गए अमेरिका वहां जिंदगी का अलग तरीका

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर गए हैं जो एक बड़ा सम्मान है. इसके पहले भी वे कई बार उस देश जा चुके हैं लेकिन अमेरिका को समझ पाना आसान नहीं है. हमारी ब्रिटिश शासन के समय से चली आ रही अंग्रेजी और अमेरिकन इंग्लिश में फर्क है. वहां पेट्रोल को गैस तथा पेट्रोल पंप को गैस स्टेशन कहते है. गॅसोलिन को संक्षेप में गैस कहा जाता है. हमारे यहां लोग कुकिंग गैस तक सीमित हैं. इसके अलावा फुटपाथ को साइड वाक कहा जाता है. वहां किलोमीटर नहीं बल्कि माइल (मील) से दूरी नापी जाती है. कही जाना हो तो दूरी बताते हुए कहा जाता है- जस्ट 2 आवर्स अवे.

इसका मतलब है कि हाईवे पर 65 मील की स्पीड से गाड़ी चलाओ तो 2 घंटे में पहुंच जाओगे. वहां हर 2 वर्ष में कार का फिटनेस सर्टिफिकेट लेना पड़ता है. कार में सवार सभी लोगों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है जबकि हमारे यहां ड्राइवर और उनके बगल में बैठा व्यक्ति सीट बेल्ट लगाता है. यदि टाटा सन्स के सीईओ रहे मिस्त्री ने सीटबेल्ट लगाया होता तो दुर्घटना में उनकी जान बच सकती थी. वहां बच्चों को घर में या गाड़ी में अकेला नहीं छोड़ सकते. गर्भवती महिलाओं को कम चलना पड़े, इसलिए वालमार्ट, मैसी या सीयर्स जैसी सुपर मार्केट के सामने उनकी गाड़ी पार्किंग के लिए अलग स्पेस सुरक्षित रखी जाती है. लोग मौसम का हाल टीवी पर सुनने के बाद ही काम पर जाते हैं. किसी घर से झगड़े की आवाज आई या तेज म्यूजिक बजा तो पुलिस कुछ ही मिनिटों में आ धमकती है. अपराधी की खोज पुलिस की गाड़ियों के अलावा हेलीकाप्टर से भी की जाती है. वहां लकड़ी के मकान होते हैं और बाउंड्री वाल नहीं बनाई जाती.’’

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हमने कहा, ‘‘यह कौनसी नई बात है, हॉलीवुड की फिल्मों में यह सब लोगों ने देखा है. ग्लोबलाइजेशन में इंडिया भी अमेरिका जैसा बनता जा रहा है. वही फैशन, वही लाइफस्टाइल! जहां तक अमेरिकी इंग्लिश की बात है, वहां कोई व्यक्ति नाराज होने पर यह नहीं कहता कि आई एम एंग्री विद यू! वह कहता है आई एम मेटिंग मॅड ऐट यू. कलर, प्रोग्राम और थ्रू जैसे शब्दों की स्पेलिंग वहां छोटी कर दी गई है.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, भारत में बच्चों का बेहतर ध्यान रखा जाता है जबकि अमेरिका में अभिभावक 15 वर्ष से बड़े बच्चे की जिम्मेदारी नहीं लेते और उसकी जिंदगी में हस्तक्षेप भी नहीं करते. खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बेटा हंटर बाइडन गन क्राइम और समय पर टैक्स अदा न करने के मामले में फंस गया है. उसने जेल जाने से बचने के लिए अपना गुनाह स्वीकार करते हुए कहा कि जब वह ड्रग सेवन करता था तब उससे यह अपराध हुए.’’

हमने कहा, ‘‘अमेरिका से अच्छी बातें, टाउन प्लानिंग और स्वच्छता सीखी जा सकती है. जो गलत चीजें हैं, उन्हें टाला जा सकता है.’’ 



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