नन्ही कलम विशेष

Religion | भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से पहले ‘इन’ बातों का अवश्य रखें ध्यान, ‘इन’ विशेष दिनों में न तोड़ें बेलपत्र

[ad_1]

Mahashivaratri 2023

सीमा कुमारी

नई दिल्ली: सनातन धर्म में बेल के पेड़ का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पर गंगाजल के साथ-साथ बेलपत्र चढ़ाने से देवों के देव महादेव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। श्रावण मास में भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से अधूरी कामनाएं पूरी हो जाती है। मान्यता है कि, बेलपत्र और जल से भगवान शंकर का मस्तिष्क शीतल रहता है। पूजा में इनका प्रयोग करने से वे बहुत जल्द प्रसन्न होते है। आइए जानें बेलपत्र तोड़ते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए। मान्यताओं के मुताबिक, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या और संक्रांति के दिन बेलपत्र तोड़ने की मनाही होती है।

बेल पत्र एक ऐसा पत्ता है जो कभी भी बासी नहीं होता है। भगवान शिव की पूजा में विशेष रूप से प्रयोग में लाए जाने वाले इस पावन पत्र के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि यदि नया बेलपत्र न उपलब्ध हो तो किसी दूसरे के चढ़ाए हुए बेलपत्र को भी धोकर कई बार पूजा में प्रयोग किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें

शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से महादेव प्रसन्न होते हैं। शिवलिंग पर 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है लेकिन आप इससे अधिक बेल पत्र भी चढ़ा सकते हैं। वहीं शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय ध्यान रखें कि पत्ते का चिकना भाग शिवलिंग पर रहे। साथ ही शिवजी को कटा-फटा बेलपत्र भी नहीं चढ़ाना चाहिए। जिस बेलपत्र पर धारियां हो उसे भी शिवलिंग पर नहीं अर्पित किया जाता है।

शिव पुराण अनुसार श्रावण मास में सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है। शिवलिंग का बिल्व पत्र से पूजन करने पर दरिद्रता दूर होती है और सौभाग्य का उदय होता है।

बिल्वपत्र से भगवान शिव ही नहीं उनके अंशावतार बजरंग बली प्रसन्न होते हैं। शिवपुराण के अनुसार घर में बिल्व वृक्ष लगाने से पूरा कुटुम्ब विभिन्न प्रकार के पापों के प्रभाव से मुक्त हो जाता है। जिस स्थान पर बिल्व वृक्ष होता है उसे काशी तीर्थ के समान पूजनीय और पवित्र माना गया है। ऐसे स्थान पर साधना आराधना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।



[ad_2]

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

कृपया खुद मेहनत करें । "धन्यवाद"