कुख्यात अपराधियों को न्यायालय से दोषसिद्धि सुनिश्चित कराने हेतु SP पुनीत गेहलोद ने प्रारंभ किया “ऑपरेशन संकल्प”..
• पेशेवर एवं समयबद्ध विवेचना,न्यायालय विचारण के दौरान समस्त आदेशिकाओं की त्वरित तामीली पर पुलिस के आला अधिकारी देंगे सतत ध्यान
• छेड़छाड़ के आरोपी को 01 वर्ष के कठोर कारावास व 2000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करवाने पर विवेचकगणों को एसपी ने किया सम्मानित
देवास पुलिस अधीक्षक श्री पुनीत गेहलोद द्वारा जिले में ”ऑपरेशन संकल्प” की शुरुआत की गई हैं,जिसके अंतर्गत पुलिस विवेचना को अधिक से अधिक पेशेवर एंव वैज्ञानिक बनाकर समयावधि में अभियोग पत्र माननीय न्यायालय पेश करने पर जोर दिया जा रहा हैं । साथ ही न्यायालय द्वारा विचारण के दौरान जारी समस्त आदेशिकाओं – समन एवं वारंट की प्राथमिकता से तामिली करवाई जा रही हैं ताकि गंभीर प्रकरणों में जल्द से जल्द न्यायालयीन निर्णय प्राप्त कर पीड़ित को न्याय दिलाया जा सके । गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि होने पर स्वयं पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रकरण के विवेचक,पैरवीकर्ता एवं संपूर्ण टीम को पुरस्कृत किया जा रहा हैं जिसके चलते पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ा हैं एवं लगातार गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि प्राप्त करने में देवास पुलिस सफल रही है ।
इसी प्रकार छेड़खानी के एक अन्य प्रकरण में दिनांक 31.07.2017 को थाना उदयनगर पर फरियादिया ने आकर सूचना दी कि आरोपी रुगनाथ पिता नारायण भिलाला उम्र 30 साल निवासी पाण्डूतालाब उदयनगर जिला देवास ने मेंरे घर में घुसकर बुरी नियत से मेरा हाथ पकड़कर छेड़छाड़ की । रिपोर्ट पर थाना उदयनगर पर अपराध क्रमांक 188/2017 दिनांक 31.07.2017 धारा 452,354(A) IPC का मुकदमा दर्ज कर विवेचना में लिया गया । प्रकरण की विवेचना उनि लुईस टोप्पो के द्वारा की जाकर दिनांक 03.08.2017 को गिरफ्तार किया गया । प्रकरण की विवेचना पूर्ण होने पर चालान क्रमांक 184/2017 दिनांक 17.08.2017 को तैयार किया गया । दिनांक 17.08.2017 को प्रकरण का चालान माननीय जेएमएफसी न्यायालय देवास पेश किया गया । बाद प्रकरण कमीट होकर माननीय न्यायालय देवास विचाराधीन रहा । प्रकरण के माननीय न्यायालय में विचारण के दौरान न्यायालय द्वारा जारी समस्त आदेशिकाओं की तामीली समय से कराई गई । विवेचक की उत्कृष्ट विवेचना के फलस्वरूप उक्त प्रकरण में माननीय न्यायीक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रैणी श्री आयुषी मालवीया न्यायालय बागली द्वारा आरोपी को 01 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000/- हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है ।
पुलिस अधीक्षक ने उल्लेखनीय कार्य करने वाली समस्त टीम को प्रशंसित करते हुए आगामी प्रकरणों में और अधिक दक्षता से कार्य करने हेतु प्रेरित किया ।