Afghani | अफगानी को देश छोड़ने का आदेश, हाई कोर्ट में दी गई चुनौती याचिका भी खारिज
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नागपुर. पासपोर्ट में अलग-अलग नाम होने का मामला उजागर होते ही फॉरेनर्स एक्ट 1946 की धारा 14 का उल्लंघन किए जाने को लेकर पुलिस उपायुक्त, फॉरेनर एंड पासपोर्ट विभाग ने अफगानी नागरिक को तुरंत देश छोड़ने के आदेश जारी किए. इसे चुनौती देते हुए अफगानी नागरिक मोहम्मद ओसमान खरोटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की जिसे न्यायाधीश अतुल चांदूरकर और न्यायाधीश वृषाली जोशी की बेंच ने ठुकरा दिया और आदेश बरकरार रखा. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. एसएस अंसारी, केंद्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया एनएस देशपांडे और राज्य सरकार की ओर से इंचार्ज मुख्य सरकारी वकील आनंद देशपांडे ने पैरवी की.
दो पासपोर्ट, अलग-अलग नाम
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि पुलिस उपायुक्त ने आदेश जारी किया जिसमें नियमों और कानून का उल्लंघन किए जाने के कारण तुरंत प्रभाव से देश छोड़ने के आदेश दिए गए. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि आदेश जारी होने के बाद वास्तविकता बताकर राहत के लिए उपायुक्त के पास आवेदन किया गया था. याचिकाकर्ता का मानना था कि उसके पास 2 पासपोर्ट हैं. पहले पासपोर्ट में उसका सरनेम खपलवाक दर्ज किया गया है, जबकि वर्तमान पासपोर्ट में उसका नाम मोहम्मद ओसमान खरोटी दर्ज किया गया है. दोनों अलग-अलग पासपोर्ट में इस तरह के नामों का उल्लेख होने के कारणों का खुलासा करने एवं संतोषजनक जवाब देने के लिए अवसर भी नहीं दिया गया है. अत: अपना पक्ष रखने का मौका दिए बिना इस तरह का आदेश जारी किया गया है.
वापस नहीं लिया जा सकता आदेश
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय तथा राज्य सरकार के पासपोर्ट कार्यालय की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों का मानना था कि मामला उजागर होने के बाद प्रशासकीय अधिकारियों ने तुरंत इस तरह का फैसला लिया कि उसे वापस नहीं लिया जा सकता था. आदेश के अनुसार याचिकाकर्ता को तुरंत प्रभाव से अफगानिस्तान जाने वाली फ्लाइट में जाना था. दोनों पक्षों कि दलीलों के बाद अदालत का मानना था कि याचिका पर सुनवाई करने के लिए याचिकाकर्ता की ओर से कोई भी संतोषजनक कारण नहीं दिया गया. अत: अदालत ने याचिका खारिज कर दी.
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