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Mahakal Temple | महाकाल दर्शन पर लगेगा प्रतिबंध? ज्योतिर्लिंग में बढ़ रहे हैं छेद

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महाकाल दर्शन पर लगेगा प्रतिबंध? ज्योतिर्लिंग में बढ़ रहे हैं छेद

नई दिल्ली: उज्जैन के महाकाल मंदिर का पुरे देश में धार्मिक महत्व है, यहां महाकाल ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों से श्रद्धालु यहां आते है। आज हम बाबा महाकाल के भक्तों के लिए एक बड़ी खबर लेकर आए है। दरअसल महाकाल ज्योतिर्लिंग पर पड़े छेद दिन ब दिन बढ़ रहे है। श्रद्धालुओं के द्वारा छूने से महाकाल ज्योतिर्लिंग का स्वरूप तो बदल ही रहा है, साथ ही इसका आकार भी लगातार घट रहा है, ऐसे में अब यह एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। 

लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित! 

दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की समिति ने इस विषय पर पर चिंता जताई है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि अब इस समिति ने गर्भगृह में लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की भी सलाह दी है।

2022 में जताई थी चिंता 

गौरतलब हो कि एएसआई और जीएसआई की टीम की दिसंबर 2022 में महाकाल की निरीक्षण रिपोर्ट में महाकाल ज्योतिर्लिंग के बिगड़ते स्वरूप पर चिंता जताई गई है। जी हां दरअसल रिपोर्ट में कहा गया है कि महाकाल ज्योतिर्लिंग का आकार लगातार घट रहा है और उसमें छेद भी हो गए हैं। इसे रोकने के लिए टीम ने गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित करने को कहा है, लेकिन उनोन्हे प्रतिबंध नहीं लगाया तो अब  ज्योतिर्लिंग के छेद और ज्यादा बढ़ रहे है। 

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ज्योतिर्लिंग को काफी नुकसान! 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि 2019 से हर साल ये समिति महाकाल परिसर का निरीक्षण कर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपती है। जैसे कि  हमने आपको बताया दिसंबर 2022 में समिति ने निरीक्षण किया जिसमें पाया गया है कि 2021 में दिए गए कई सुझावों पर अमल नहीं किया गया। खासकर शिवलिंग पर भस्म का गिरना, श्रद्धालुओं की स्पर्श पूजा और रगड़ने से ज्योतिर्लिंग को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि क्या गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लग सकता है या नहीं। 

लापरवाही से बढ़े ज्योतिर्लिंग के छेद 

ज्ञात हो कि अप्रैल 2021 की रिपोर्ट में समिति ने बताया था कि ज्योतिर्लिंग को रगड़ने, भस्म गिरने और स्पर्श पूजा से छोटे-छोटे छिद्र बन गए हैं, जो बढ़ रहे हैं। इनमें पूजन सामग्री के कण रह जाते हैं जिससे बैक्टीरिया पनपते हैं और इसकी वजह से क्षरण हो रहा है और ज्योतिर्लिंग पर पड़े छेद और भी बढ़ रहे है। ऐसे में अब बाबा महाकाल के श्रद्धालुओं के लिए यह चिंता का विषय है कि उन्हें अब गर्भगृह में प्रवेश मिलेगा या नहीं, साथ ही ज्योतिर्लिंग के बढ़ रहे छेद मंदिर प्रशाशन के लिए भी बहुत बढ़ी समस्या का विषय है। 



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