Buldhana Bus Accident | बुलढाना में ही दफन हुई जोया, बड़ी मुश्किल से भाई ने की शव की पहचान
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नागपुर. समृद्धि महामार्ग पर बुलढाना के सिंदखेड़राजा में शुक्रवार देर रात हुई दुर्घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. बस के भीतर ही 25 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई. मौत का मंजर कितना भयानक था ये तो बचकर निकले लोगों ने बता दिया लेकिन मृत लोगों के शवों की हालत ऐसी थी कि किसी को पहचान पाना मुश्किल था.
मृतकों में से एक निराला सोसाइटी, ताजबाग निवासी जोया शेख (26) भी थी. जैसे-जैसे जानकारी मिलती गई मृतकों के परिजन बुलढाना पहुंचने लगे. जोया का भाई अजहर भी कुछ परिचित लोगों के साथ किसी तरह बुलढाना पहुंचा. अजहर ने बताया कि पहले तो वह शव देखने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. प्रशासन ने कहा कि अन्य लोगों की तरह वह भी अपनी बहन का अंतिम संस्कार बुलढाना में ही कर दें.
बहन की हालत देखने की नहीं थी हिम्मत
अजहर ने कहा कि हमारे समाज में शव को जलाने की प्रथा नहीं हैं. ऐसे में काफी हिम्मत जुटाकर वह शव देखने गया. कोई भी शव पहचान होने की स्थिति में नहीं था. बड़ी मुश्किल से उसने बहन के हुलिये और चेहरे की ठुड्डी से उसकी पहचान की. प्रशासन ने स्थानीय कब्रिस्तान में दफन विधि करवाने में मदद की. हमनें वहीं नमाज अदा करके अपनी बहन को मिट्टी दे दी.
उसने कहा कि शव नागपुर लाने की स्थिति नहीं थी. इसीलिए हमने वहीं अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया. लगभग यही स्थिति सभी परिवारों की थी. नियति ने जो दुख उन्हें दिया ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए. जोया की सहेली रिया के परिजन भी बुलढाना पहुंच गए थे. उन्होंने ने भी स्थानीय श्मशान घाट में सामूहिक अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया.
स्थानीय लोगों ने दिखाई दरियादिली
अजहर ने बताया कि प्रशासन ने तो मदद की ही लेकिन स्थानीय नागरिक भी जात-धर्म देखे बिना ही मदद के लिए आगे आए. स्थानीय लोगों ने हर किसी की मदद की. पास ही आरसी सेलिब्रेशन होटल के संचालक राधेश्याम चांडक और जीएम सुनील प्रकृते ने सभी मृतकों के परिजनों के लिए अपना होटल खोल दिया. अजहर ने बताया कि होटल के संचालक ने सभी के रहने और भोजन का इंतजाम किया.
ऐसी विकट परिस्थिति में मानवता के नाते लोगों की मदद करने के लिए अजहर ने होटल प्रबंधन को धन्यवाद दिया. कौस्तुभ काले के जीजा ने विक्रम माली ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने नागपुर में ही परिजनों का सैंपल लेकर रिपोर्ट तैयार करने की जानकारी दी है. शवों की स्थिति देखने लायक नहीं थी. इसीलिए प्रशासन के आग्रह पर वहीं पर सभी परिजनों ने सामूहिक अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया. कौस्तुभ अपने भाई से मिलने पुणे जा रहा था. माता-पिता सहित पूरा परिवार इस घटना से सदमे में है.
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