NCP Split | पुणे जिले में अजित पवार ही ‘दादा’, बैठक में उपस्थित थे इतने विधायक
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पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विभाजन के बाद बुधवार को हुई दोनों गुटों की बैठकों के बाद पुणे जिले के विधायक और सांसद किसके साथ हैं, यह स्पष्ट हो गया है। जिले में एनसीपी के दो विधायक और दो सांसदों को छोड़कर सात विधायक, जिला परिषद और पंचायत समितियों के पूर्व पदाधिकारी और जिला कार्यकारिणी के कुछ पदाधिकारी अजित पवार गुट ( Ajit Pawar Faction) में शामिल हो गए हैं। इससे एनसीपी का गढ़ कहे जाने वाले पुणे जिले (Pune District) में अजित पवार ही दादा है, यह साबित हो गया है।
जिले के एनसीपी के विधायक उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ है। वहीं जिले के सांसद पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के साथ है, यह स्पष्ट हो गया है। जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कुल 10 विधायक हैं। इनमें से आठ विधायक अजीत पवार के पास चले गए है। अजीत पवार के साथ जाने वाले पार्टी विधायकों में दिलीप वलसे पाटिल (आंबेगांव), दत्तात्रय भरणे (इंदापुर), दिलीप मोहिते पाटिल (खेड़), सुनील शेलके (मावल), अतुल बेनके (जुन्नर), सुनील टिंगरे (वडगांव शेरी), अन्ना बनसोडे (पिंपरी) शामिल हैं। खुद अजीत पवार, अन्ना बंसोडे (पिंपरी) शामिल हैं।
शरद पवार के साथ जिले के दो विधायक
जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 10 विधायकों में से केवल दो विधायक शरद पवार के साथ खड़े हैं। इसमें पुणे शहर के हडपसर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चेतन तुपे और पुणे ग्रामीण के शिरुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक अशोक पवार ने शरद पवार गुट में शामिल हो गए है।
सभी सांसद शरद पवार के साथ
पुणे जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो सांसद हैं। वहीं जिले से एक राज्यसभा सांसद है। इसमें राष्ट्रवादी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और शिरुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अमोल कोल्हे आदि शामिल है। वही एड. वंदना चव्हाण राज्यसभा सांसद है। जिले के इन तीनों सांसदों ने शरद पवार के साथ जाने का निर्णय लिया है। इसी के कारण जिले में पार्टी का एक भी सांसद अजित पवार के साथ नहीं गया है।
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जिले के पदाधिकारी अजित पवार के संग
एनसीपी के विभाजन के बाद जिले में पदाधिकारी और कार्यकर्ता खुलकर बोलने से डरते हैं। बहुत सारे लोगों ने चुप रहना पसंद किया है। हालांकि, बुधवार की बैठक के बाद स्पष्ट हो गया है कि जिले के ज्यादातर पदाधिकारी और कार्यकर्ता अजित पवार के साथ नजर आ रहे है। इसमें पुणे जिला परिषद की पूर्व अध्यक्षा निर्मला पानसरे खेड से विधायक दिलीप मोहिते की समर्थक हैं। अब मोहिते अजित पवार के साथ चले गए है। तो पानसरे भी अपने आप अजित पवार के पाले में गई हैं। वहीं, आंबेगांव तालुका से विधायक दिलीप वलसे पाटिल अजित पवार के साथ मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं। इसके कारण सांसद सुप्रिया सुले के समर्थक माने जाने वाले और वलसे पाटिल के भतीजे पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष विवेक वलसे भी अजित पवार गुट में शामिल हो गए हैं। हालांकि जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रणजीत शिवतारे (भोर) ने अभी भूमिका स्पष्ट नहीं की है।
पुणे शहर, पिंपरी-चिंचवड़ और जिले के अधिकांश पदाधिकारियों, पूर्व नगरसेवकों और विधायकों ने अजित पवार का समर्थन किया है। इसमें से कई लोग मुंबई की बैठक में शामिल नहीं हो सकें, लेकिन अगले दो दिनों में अजित पवार के पुणे दौरे पर आने के बाद कई लोग साथ दिखेंगे।
-प्रदीप देशमुख, प्रवक्ता, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट)
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