नन्ही कलम विशेष

Nagpur News | एक भी गलती की जमानत रद्द, HC ने कड़ी शर्तों पर दी राहत

[ad_1]

Nagpur High Court

File Photo

नागपुर. नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 के तहत दर्ज मामले में 3 वर्ष पूर्व गिरफ्तार किए जाने के बाद जमानत के लिए शिवशंकर कान्द्रीकर की ओर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. याचिका पर चली लंबी सुनवाई के बाद न्यायाधीश उर्मिला जोशी-फालके ने कड़ी शर्तों के साथ 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए.

याचिकाकर्ता की ओर से अधि. राजेन्द्र डागा और सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील ए.एम. कडूकर ने पैरवी की. अदालत ने कहा कि निचली अदालत में इस संदर्भ में चल रही प्रत्येक सुनवाई के समय याचिकाकर्ता को उपस्थिति दर्ज करनी होगी. यदि एक भी गलती हुई तो तुरंत प्रभाव से जमानत रद्द हो जाएगी. याचिकाकर्ता के खिलाफ गणेशपेठ पुलिस की क्राइम ब्रांच की एनडीपीएस सेल द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी.

आदेश में स्पष्ट है कि सबूत से छेड़छाड़ नहीं करनी होगी. गवाह पर दबाव नहीं डालना होगा. यदि एक भी आपराधिक मामला दर्ज हुआ तो जमानत रद्द हो जाएगी. सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों से यह अदालत बंधी हुई है. संवैधानिक पीठ के फैसले के अनुसार, एनडीपीएस की धारा 50 का पालन होता दिखाई नहीं देता है. इसलिए याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने में कोई अवरोध दिखाई नहीं देता है. 

मुंबई से MD लाने की खबर

अभियोजन पक्ष के अनुसार 7 फरवरी, 2023 को पुलिस कर्मचारी मनोज सिडाम को गुप्त सूचना मिली थी कि याचिकाकर्ता और सह आरोपी संगीता मुंबई से ट्रेन से आ रहे है. उनके पास एमडी ड्रग है. पुलिस ने छापामारी की. संतरा मार्केट गेट के सामने चार पहिया वाहन से जा रहे इन दोनों के अलावा आकाश नामक युवक को रोक लिया गया.

याचिकाकर्ता के पास से 51 ग्राम तथा उसकी पत्नी संगीता के पास से 5.7 ग्राम एमडी ड्रग मिला. बचावपक्ष की पैरवी कर रहे अधि. डागा ने कहा कि ऐसे मामलों में एनडीपीएस की धारा 50 का पालन करना जरूरी होता है लेकिन पुलिस ने इसका पालन नहीं किया. गजेटेड अधिकारी या मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में जांच करना जरूरी होता है. 



[ad_2]

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

कृपया खुद मेहनत करें । "धन्यवाद"