ना तो मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक शुरू हुई, ना ही आधुनिक स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग- कांग्रेस…..
देवास। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में देवास में 172 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया था। इसमें जिला चिकित्सालय परिसर में 20 करोड़ रुपए की लागत से बने नवीन 100 बिस्तर के मेटरनिटी अस्पताल का लोकार्पण कर देवास जिले की जनता को समर्पित किया। मेटरनिटी अस्पताल में जिले की महिलाओं को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि देवास को नवीन 100 बिस्तर के मेटरनिटी अस्पताल की सौगात मिली है। मेटरनिटी अस्पताल जिले की महिलाओं को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा। देवास में अस्पताल बन जाने से अब देवास की बहू-बेटियों को इंदौर-उज्जैन नहीं जाना पड़ेगा। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के लोकार्पण करने के बावजूद आज नवीन प्रस्तुति गृह में सिर्फ ओपीडी चालू की गई है, जहां सिर्फ महिलाओं को इलाज के लिए देखा जाता है। महिलाओं को प्रसूति के लिए पुराने अस्पताल में ही भर्ती किया जा रहा है। जबकि मुख्यमंत्री ने कहा था कि नवीन एवं आधुनिक सुविधाओं वाला इलाज मिलेगा फिर इसे अभी तक शुरू क्यों नहीं किया गया। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि इसी प्रकार शहर के विभिन्न वार्डो में मप्र शासन द्वारा संजीवनी क्लीनिक आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य केन्द्र 25 लाख की लागत से 1 वर्ष पूर्व बनाए गए थे, जिसका लोकार्पण लगभग 8-9 माह पूर्व किया गया था, लेकिन प्रशासनिक अदूरदर्शिता के कारण लोकार्पण के बाद से आज तक लगभग 8 से 10 संजीवनी क्लीनिकों पर ताला लगा हुआ है। जिसे लेकर कांग्रेस पार्षदों ने नाहर दरवाजा स्थित संजीवनी क्लीनिक आरोग्य मंदिर के बाहर बैठकर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपकर बंद क्लीनिकों को शीघ्र शुरू किए जाने की मांग भी की थी। इन क्लिनिकों का उद्देश्य छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए यह संजीवनी क्लीनिक बनाई गई थी, जिसका लाभ उस क्षेत्र के सभी निवासियों मिलता लेकिन इन्हें शुरू करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन ने कोई रुचि ही नहीं ली। शहर कांग्रेस ने मांग की है कि जिला चिकित्सालय में आधुनिक प्रस्तुति क्लीनिक को शुरू किया जाए। साथ ही शहर के विभिन्न वार्डों में जो मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक बनाए गए हैं, उन्हें भी शुरू किया जाए, जिससे छोटी-छोटी बीमारियों का वार्ड स्तर पर ही इलाज किया जा सके। इन क्लीनिक के शुरू होने से जिला चिकित्सालय में मरीजों की जो भीड़ लगी रहती है वह भी नियंत्रित हो जाएगी। वहीं लोगों को वार्डों में इलाज सुलभ हो जाएगा।