Cyber Fraud | चाइना से चल रहा है साइबर टास्क फ्रॉड, मुंबई, सूरत और राजस्थान से 6 गिरफ्तार
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नागपुर. पिछले कुछ दिनों में आपने वर्क फ्रॉम होम टास्क फ्राड के बारे में कई खबरें पढ़ी होंगी. अब तक तो लग रहा था कि पहले की तरह ही गुरुग्राम, मेवात और बिहार में बैठी गैंग इस ठगी को अंजाम दे रही होगी लेकिन साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्रकरण की जांच करते-करते पुलिस को पता चला कि साइबर टास्क फ्रॉड चाइना में बैठे सरगना चला रहे हैं. देश के युवकों को उन्होंने काम पर रखा है. फ्राड करने के लिए साइबर अपराधियों ने मानो कंपनी खोल रखी है.
डीसीपी अर्चित चांडक ने बताया कि इस मामले में मुंबई, राजस्थान और सूरत से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए आरोपियों में घाटकोपर, मुंबई निवासी आकाश विनोद तिवारी (29), चांदीवली, मुंबई निवासी रवि रामनाथ वर्मा (33), नाला सोपारा निवासी संतोष राममनी मिश्रा (39), अमरोली, सूरत निवासी मीत हरेश व्यास (26), विजयनगर, राजस्थान निवासी अंकित निहालसिंह टाटेर (33) और अरविंद महावीर शर्मा (24) का समावेश है.
अधिकांश आरोपी सुशिक्षित और संपन्न परिवारों से हैं. पुलिस ने बैरामजी टाउन निवासी घनश्याम गोविंदानी (32) की शिकायत पर मामला दर्ज किया था. घनश्याम केमिकल इंजीनियर हैं. उन्हें घर बैठे पैसे कमाने का लालच दिया गया. सोशल मीडिया पर वीडियो लाइक, रिव्यू और सब्सक्राइब करने के टास्क दिए गए. शुरुआत में उन्हें अच्छे पैसे भी दिए गए. इसके बाद प्रीमियम टास्क पूरे करने के लिए समय-समय पर 54 लाख रुपये जमा करवाए गए और बाद में पैसे मिलने बंद हो गए.
क्रिप्टो में हुआ चाइना से लेन-देन
डीसीपी चांडक ने बताया कि साइबर पुलिस स्टेशन द्वारा बारीकी से प्रकरण की जांच की गई. एक के बाद एक बैंक खातों की लिंक मिली. मनी ट्रेल का पता लगाते हुए पुलिस को आरोपियों का सुराग मिला. मुंबई, सूरत और विजयनगर से पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया. जांच में पता चला कि आरोपियों ने चाइना में बैठे मास्टर माइंड को क्रिप्टो करंसी में पैसा ट्रांसफर किया है. मीत व्यास ने कुछ दिन पहले ही बायनान्स नामक क्रिप्टो वैलेट से करीब 20 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. इसके अलावा गुजरात के आंगड़ियों द्वारा भी रकम हवाला के जरिए अलग-अलग लोगों को पहुंचाई जा चुकी है. मास्टर माइंड कौन है यह तो फिलहाल कहा नहीं जा सकता लेकिन टास्क चाइना से दिए जा रहे हैं यह तो पक्का है.
खातों में फ्रीज हुए 37 लाख रु.
अलग-अलग शहरों में बैठकर युवा इन ठगों के लिए काम कर रहे हैं. जांच के दौरान 10 बैंक खातों की जानकारी सामने आई है. पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से 8 लाख रुपये कैश, 9 मोबाइल फोन और 19 क्रेडिट कार्ड जब्त किए हैं. इसके अलावा पुलिस ने बैंकों के नोडल अधिकारियों से बात कर अलग-अलग 10 बैंक खातों में 37 लाख रुपये फ्रीज करवा दिए हैं. आरोपियों ने अब तक सिटी में कितने लोगों को ठगा है इसकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है. इंस्पेक्टर अमित डोलस, एपीआई संदीप बागुल, मारोती शेलके, हेड कांस्टेबल गजानन मोरे, सीमा टेकाम, अजय पवार, योगेश काकड़, रविकुमार कुलसंगे, सुशील चंगोले और रोहित मटाले ने बेहतरीन कार्य किया. इसके लिए उन्हें रिवार्ड भी जारी किया गया है.
- चांडक ने बताया कि यह गैंग 3 तरीके से काम करती है. पहले वीडियो और प्रोडक्ट रिव्यू के लिए लोगों को पैसा देकर विश्वास में लिया जाता है. यह काम करने के लिए अलग टीम होती है.
- शुरुआत में पैसा मिलने पर लोगों को विश्वास हो जाता है और फिर बड़े टास्क के नाम पर पैसे लिए जाते हैं. पैसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए जाते हैं. ऐसे खाताधारकों को ढूंढने के लिए अलग टीम है.
- खाताधारक अपने अकाउंट का एक्सेस आरोपियों को दे देता है. इस फ्राड में सबसे कम कमीशन खाताधारक को मिलता है, जबकि लोगों को फंसाने वालों को ठगी की रकम से 10 से 20 प्रश तक का कमीशन दिया जाता है.
- लोगों को फंसाने के लिए अलग-अलग राज्यों के युवकों को काम पर रखा गया है. पकड़ा गया अंकित टाटेर राजस्थान में कपड़े की दूकान चलाता है. मीत व्यास गुजरात से ऑनलाइन ट्रेडिंग करता है. आकाश और रवि मार्बल का व्यवसाय करते हैं.
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