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Bhiwandi News | भिवंडी महानगरपालिका का जानें कैसे डूब रहा करोड़ों का टैक्स, यहां पढ़ें डिटेल्स

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Bhiwandi Municipal Corporation

भिवंडी: भिवंडी शहर (Bhiwandi City) में  जगह-जगह खुले कोचिंग संस्थानों के होर्डिंग्स भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन (Bhiwandi Municipal Administration) को खुलेआम चिढ़ा रहे हैं। ऐसा लगता है कि मनमानी पर उतारू कोचिंग संस्थान प्रशासन से कह रहे हैं कि वे कोई नियम-कानून नहीं मानेंगे। महानगरपालिका प्रशासन की जो मर्जी हो वह करें।

गौरतलब है कि भिवंडी में नियम विरुद्ध कोचिंग सेंटरों का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है। पावरलूम नगरी में संचालित तमाम कोचिंग क्लासेस सरकारी कायूदे-कानून को ताख पर रखकर मनमर्जी से मोटी फीस वसूल कर कोचिंग सेंटरों का संचालन कर रहे हैं। कोचिंग सेंटरों का जाल अब ग्रामीण क्षेत्रों तक फैल चुका है। मनमानी फीस वसूल रहे कोचिंग संस्थान छात्रों को बिना पूरी सुविधा दिए मोटी फीस वसूल रहे हैं। छात्रों के जीवन से खिलवाड़ को देखते हुए भी जिम्मेदार शिक्षा विभाग के अधिकारी मौन बैठे हैं। यह उनकी कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में डाल देता है।।

महानगरपालिका नियमों का कर रहे उल्लंघन

शहर के तमाम क्षेत्रों में शासन के दिशा-निर्देशों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर चलाए जा रहे दर्जन की संख्या में कोचिंग संस्थानों ने अपनी उपलब्धियों से भरे होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर शहर भर के बिजली के खंभों से लेकर जगह-जगह दिवालों आदि पर लगा रखे हैं,जो नियम विरूद्ध है। वैसे तो कोचिंग संस्थानों में प्रशिक्षित करियर काउंसलर/मनोचिकित्सक की सेवाएं आवश्यक हैं और फीस भी एक साथ नहीं लेकर त्रैमासिक लेने का भी प्रावधान होता है, मगर ऐसा किसी कोचिंग संस्थान में नहीं हो रहा है। कोचिंग क्लासेस संचालकों की मनमानी से अभिभावक परेशानी झेल कर भी बच्चों के भविष्य की खातिर चुप्पी साधे रहते हैं।

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भिवंडी शहर में गली-गली खुले कोचिंग संस्थान

पावरलूम नगरी व्यावसायिक क्षेत्र भिवंडी की गली मोहल्लों में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं ।जहां पर बच्चों की क्लासेस संचालित हो रही है। तीन बत्ती, मंडई, धामणकर नाका, बीएन एन कालेज रोड, अंजुर फाटा, पुराना मुंबई-आगरा रोड, कामतघर, पद्मा नगर, शांति नगर, कल्याण मार्ग टेम घर आदि क्षेत्रों में ज्यादातर कोचिंग संस्थान बिना रजिस्ट्रेशन के ही संचालित हो रहे हैं और शिक्षा विभाग आंखे मूंदे बैठा हुआ है।

कोचिंग संस्थानों में सुविधाएं हैं जीरो

भिवंडी शहर में जितने भी कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, वह छात्र-छात्राओं से मनमाफिक मोटी फीस तो लेते हैं, मगर सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं देते। कई कोचिंग संस्थानों में एक बड़े हाल में 70 से 80 छात्र-छात्राओं को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। विद्यार्थियों को घंटों बैठे रहने के बाद भी न ही शुद्ध पेयजल, साफ शौचालय की और न ही पार्किंग की सुविधा होती है।

शिक्षा विभाग से लेना होता है अनापत्ति प्रमाणपत्र

शासन द्वारा कोचिंग संस्थान के संचालन के लिए मापदंड तय किए गये हैं। मापदंड के अनुरूप कोचिंग संस्थान चलाने के लिए शिक्षा विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर नगरीय निकाय से परमिशन लेनी होती है। कोचिंग इंस्टीट्यूट संचालन के जिए 3,000 स्क्वायर फीट क्षेत्रफल न्यूनतम किया गया है। यह भवन वाणिज्य या संस्थान गत शैक्षणिक भू उपयोग परिवर्तन होना आवश्यक है  जो शायद ही किसी कोचिंग सेंटर के पास होने की संभावना है। शहर में लगभग 50 स्थानों पर कोचिंग क्लासेस का संचालन किया जा रहा है जो अधिकतर आवासीय मकानों में संचालित हो रहे हैं। इन कोचिंग सेंटरों को व्यवसायिक श्रेणी में आने के कारण श्रम विभाग से भी पंजीयन कराना आवश्यक होता है, जो  शायद किसी भी कोचिंग क्लासेस के पास नहीं है। राज्य  सरकार के निर्देशानुसार कोचिंग संस्थानों पर भवन विनियमों में संस्थानिक मापदंड लागू होते हैं। इसके अनुसार जहां कोचिंग सेंटर संचालित हो रहा है, वहां की सड़क की चौड़ाई 40 फीट होनी चाहिए। कोचिंग सेंटरों पर दुपहिया और कार पार्किंग भी होनी चाहिए। छात्र-छात्राओं के अनुपात में अलग-अलग शौचालयों का होना आवश्यक है। अग्निशमन की एनओसी  संबंधित महानगरपालिका से होनी चाहिए। जिस इमारत में कोचिंग सेंटर चलाया जा रहा है, वहां छात्रों के लिए तमाम जरूरी सुविधा सहित कोचिंग कार्यालय, स्टाफ रूम होना आवश्यक है। अंधेर नगरी चौपट वाले भिवंडी शहर में इस तरह किसी प्रकार की सुविधा नहीं होने के बावजूद कोचिंग सेंटरों का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है।

बिना अनुमति के कोचिंग क्लासेस चलाना गैरकानूनी

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस तरह से बिना शिक्षा विभाग की अनुमति के कोचिंग क्लासेस नहीं चला सकते है। भिवंडी शहर में जो भी कोचिंग सेंटर चल रहे है उनमें से ज्यादातर ने शिक्षा विभाग से किसी भी प्रकार की कोई एनोओसी नहीं ली है। भिवंडी में चल रहे अधिसंख्य कोचिंग क्लासेस  पूर्णतया गैरकानूनी तरीके से चल रहे हैं।

रहिवासी इमारतों में शासन की बगैर मंजूरी से चलाए जा रहे तमाम कोचिंग क्लासेस नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। कोचिंग क्लासेस के व्यवसायिक इस्तेमाल की लिए दी गई जगह का रहिवासी इमारतों के मालिकों से कमर्शियल टैक्स वसूला जाएगा। महानगरपालिका परवाना विभाग से बगैर मंजूरी लिए शहर में लगाए गए कोचिंग क्लासेज द्वारा तमाम बैनर, होर्डिंग पर दंडात्मक कार्रवाई जल्द की जाएगी।

-दीपक झिंझाड़, भिवंडी महानगरपालिका उपायुक्त,टैक्स



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